एक समाज में शिकायतों और समस्याओं का होना सामान्य होता है, लेकिन इन्हें हल करने का तरीका हमारे समाज के सुधार और विकास का प्रमुख साधन बन सकता है। लोक शिकायत निवारण एक ऐसा माध्यम है जो समाज में सुधार को गति देने और न्याय की दिशा में कदम बढ़ाने में मदद करता है।
लोक शिकायत निवारण का मुख्य उद्देश्य सामान्य जनता के संकोच, दुविधा और असंतोष को सुनिश्चित करना है। यह एक तरीका है जिसके माध्यम से सामान्य नागरिक सरकारी विभागों और अधिकारियों के खिलाफ उनकी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। यह शिकायतें आमतौर पर न्यायिक या प्रशासनिक खाते में दर्ज की जाती हैं और उन्हें निष्पादित करने के लिए कार्रवाई की जाती है।
लोक शिकायत निवारण के अंतर्गत, नागरिकों को सरकारी योजनाओं, सेवाओं और कार्यों से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करने का अधिकार होता है। यह एक ऐसा माध्यम है जो निर्धारित समय सीमा के भीतर समाधान प्रदान करता है। इसके माध्यम से समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलते हैं और उन्हें अपनी आवाज़ उठाने का अवसर प्राप्त होता है।
लोक शिकायत निवारण का महत्त्व वहाँ तक ही सीमित नहीं है। यह एक माध्यम है जिसके माध्यम से सामाजिक न्याय, पारदर्शिता, और सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार लाने का अवसर प्राप्त होता है। इसके माध्यम से नागरिक समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं और समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय भागीदारी में भी शामिल होते हैं।
इस प्रकार, लोक शिकायत निवारण समाज की उन समस्याओं का समाधान करता है जो न्यायिक, प्रशासनिक या सामाजिक रूप से उठाई जाती हैं। यह न केवल समस्याओं के समाधान में सहायक होता है, बल्कि एक समान और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में अग्रसर होने में भी मदद करता है।
अतः, लोक शिकायत निवारण एक महत्त्वपूर्ण साधन है जो समाज को सुधार, न्याय और समानता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करता है।