आर टी आई एक्ट – धारा 4 के तहत पारदर्शिता

गाँव आशापुर की विधवा महिला सुशीला देवी की ज़िंदगी संघर्षों से भरी थी। उसके पति का देहांत हुए कई साल हो गए थे, और वह अकेली अपने छोटे बच्चों का…

Continue Readingआर टी आई एक्ट – धारा 4 के तहत पारदर्शिता

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005: धारा 2(ज)(i) का महत्व

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act) भारत के प्रत्येक नागरिक को सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है। इस अधिनियम की…

Continue Readingसूचना का अधिकार अधिनियम 2005: धारा 2(ज)(i) का महत्व

गाँवों की पहचान – पंचायती राज का मूल्य (Value of Panchayati Raj)

पंचायती राज व्यवस्था भारतीय समाज की सबसे मूलभूत और महत्त्वपूर्ण नींवों में से एक है। यह सिर्फ एक शासनिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि एक ऐसा माध्यम है जो सामाजिक और…

Continue Readingगाँवों की पहचान – पंचायती राज का मूल्य (Value of Panchayati Raj)

पंचायती राज का उद्भव एवं विकास

पंचायत हमारी भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पहचान है। यह हमारी गहन सूझ-बूझ के आधार पर व्यवस्था-निर्माण करने की क्षमता का परिचायक है। यह हमारे समाज में स्वाभाविक रूप से…

Continue Readingपंचायती राज का उद्भव एवं विकास